खोरठा गीत: कोरोना काले होली
“कोरोना के काल में हो, फाल्गुन महीनवाकैसे खेलब, कैसे खेलब, होली के पर्व हामिन कैसे खेलब?सुनो सभी जन हो, हमर
Read more“कोरोना के काल में हो, फाल्गुन महीनवाकैसे खेलब, कैसे खेलब, होली के पर्व हामिन कैसे खेलब?सुनो सभी जन हो, हमर
Read moreजागो रे जागो रे बहना,पढो लिखो आगे बढ़ो रे बहना,बहुत सो चुकी अब उठो रे बहना, सदियों से तू सताई
Read moreवाग्देवि के वरद पुत्र की जय होवरदे वीणावादिनी वरदे सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ (21 फ़रवरी, 1899 – 15 अक्टूबर 1961 ) हिन्दी
Read moreमेरे देश की बेटी हार गयी,मेरे देश की बेटी हार गयी,मेरे देश का बाहुबल जीत गया। कमजोर का दिल था,गरीब
Read moreकिसी ने पूछा मुझसे माँ क्या होती हैमैंने कहा मुझे पता नहीं क्या होती हैजो मैंने जाना और समझा है
Read moreउनकी रचनाएं ही इतनी सशक्त, यथार्थ,गेय, और मार्मिक है कि वे बरबस याद आएंगे।लाल किले के प्राचीर से,जब स्वर कोकिला
Read moreहर रोज सुबह की ठंडी किरन,उम्मीदों का कोहरा ओढ़े आती है। मनमोहक धूप की गर्मी पाकर,हर उम्मीद फिर मुस्कुराती है।।
Read more‘छोटी सी उमरिया में बिहा नहीं करबो गे मईया, हमर मईया ‘छोटी सी उमरिया में बिहा नहीं करबो गे मईया,
Read moreसंदर्भ: कोरोना काल बात उन दिनों की है जब महंगाई आसमान तक जा पहुंची थी। लोगों के ऊपर महंगाई का
Read moreआज देश को गाँधी देखो, तेरा ही दरकार है।तेरी लाठी, तेरी लंगोटी,सत्य, अहिंसा, करुणा तेरीतेरे ऐनक, तेरी नीति,तेरे सोच की
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