देवघर: सदर अस्पताल, यूपीएचसी व सीएचसी में होगा फाइलेरिया का मुफ्त इलाज

देवघर: आज दिनांक 28.03.23 को सदर अस्पताल देवघर के ओपीडी संख्या- 03 में सिविल सर्जन डॉ. युगल किशोर चौधरी सहित अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सीके शाही, डीटीओ डॉ रंजन सिन्हा, उपाधीक्षक सदर अस्पताल डॉ प्रभात रंजन, जिला भीबीडी पदाधिकारी डॉ आलोक कुमार सिंह अन्य चिकित्सकों ने फाइलेरिया क्लीनिक केंद्र का उद्घाटन संयुक्त रूप से फीता काट कर किया।
मौके पर सिविल सर्जन डॉ. युगल किशोर चौधरी ने कहा कि अब हांथीपांव एवं हाइड्रोसील से पीड़ित रोगियों को अब ज्यादा परेशान नहीं होना होगा। अब उनका जांच एवं ईलाज आदि प्रत्येक मंगलवार एवं शुक्रवार को सदर अस्पताल, देवघर के अतिरिक्त सभी शहरी स्वास्थ्य केंद्र तथा सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नि:शुल्क किया जाएगा। जहां पर उनके जांच व ईलाज के साथ-साथ फाइलेरिया रोगियों के प्रभावित अंगों की उपचार, देखभाल, व्यायाम और रोकथाम के लिए उचित परामर्श भी दिया जाएगा। ऐसे सभी रोगियों को फाइलेरिया विभाग के तरफ से एक आईडी नंबर भी दिया जाएगा, जो उनके फाइलेरिया से पीड़ित होने के चरण को चिन्हित करेगा। जिसके आधार पर इन्हें विकलांगता प्रमाण पत्र भी प्रत्येक माह आयोजित होने वाले विकलांगता शिविर के माध्यम से दिया जाएगा। साथ ही लिंफोडिमा के चरण तीन या इससे अधिक प्रभावित हुए अंगों वाले रोगियों को चिन्हित कर एम.एम.डी.पी. (मोरबिडिटी मैनेजमेंट एंड डिसेबिलिटी प्रीवेंशन – रुग्णता प्रबंधन एवं विकलांगता रोकथाम) के तहत् एक कीट भी नि:शुल्क प्रदान किया जाएगा, जिसके माध्यम से इनके प्रभावित अंगों की ईलाज के साथ उचित साफ़-सफाई व नियमित देखभाल भी संभव हो पाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि हाइड्रोसील से पीड़ित रोगियों को चिन्हित कर उनका मुफ्त ऑपरेशन भी प्रत्येक मंगलवार एवं शुक्रवार को किया जाएगा। यह सुविधा जिले के सभी सीएचसी, यूपीएचसी एवं सदर अस्पताल, देवघर में नि:शुल्क उपलब्ध होगा। इस क्लिनिक में ऐसे सभी फाइलेरिया पीड़ित मरीजों की जांच, ईलाज, परामर्श एवं लाइन लिस्टिंग करने के साथ उनके लिए दवाइयां भी लिखेंगे।
एसीएमओ डॉ सी.के. शाही ने कहा कि फाइलेरिया संक्रमित मादा क्यूलेक्स मच्छरों के काटने से फैलती है। जो गंदे एवं ठहरे हुए पानी में पनपती हैं। यदि समय रहते इसका पहचान और इलाज प्रारंभ कर दिया जाए तो यह ठीक हो सकता है अन्यथा इसके संक्रमण से लिंफोडिमा के रूप में जीवन भर के लिए विकलांगता हो जाती है और अंत में हमारे शरीर के किसी भाग में एलिफेंटियासिस (हाथीपांव) तथा हाइड्रोसील हो जाते हैं।
जिला भीबीडी पदाधिकारी डॉ आलोक कुमार सिंह ने बताया कि फाइलेरिया के लक्षण सालों तक पता नहीं चल पाता है। अतएव जैसे ही शरीर के पैर, हाथ या अन्य किसी भी भाग में दर्द, जलन, लालिमा, खुजलाहट, सुजन, गिल्टी या बुखार जैसे लगे तो फौरन चिकित्सक से संपर्क कर इलाज कराना चाहिए।
जिला भीबीडी सलाहकार डॉ गणेश कुमार ने बताया कि झारखंड में फाइलेरिया के रोगी सबसे ज्यादा देवघर में (लगभग 12 हजार) सूचीबद्ध हैं। इस बीमारी से पीड़ित लोगों में कुरुपता, अवसाद व शारीरिक क्षमताओं में कमी के साथ-साथ समाजिक एवं आर्थिक प्रभाव भी डालता है। जिसका दंश एक अभिशाप के रूप में पूरे परिवार को झेलना पड़ता है। इस बीमारी से बचाव और सही समय पर पहचान कर पूर्ण ईलाज करवाना ही एक मात्र सरल उपाय है, जिसमें प्रमुखता से मच्छरों के काटने से बचने के विभिन्न प्रयास करने चाहिए। जैसे – सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग, जल जमाव नहीं होने देना, प्रत्येक सप्ताह सूखा दिवस मनाना, पूरे बदन ढ़कने वाले कपड़े पहनना, शाम के समय घर के खिड़की-दरवाजे को बंद कर लेना, धुँआ करना, मच्छर रोधी क्रीम, अगरबत्ती या लिक्विड का प्रयोग करना आदि उपाय अपनाकर। खासकर नवजात शिशुओं और गर्भवती महिलाओं को बचाने की सख्त आवश्यकता है, क्योंकि मच्छरों के लिए ये आसान लक्ष्य होती हैं। जिनमें फाइलेरिया के स्पष्ट लक्षण प्रकट हो चुके हैं, उन्हें नियमित अंतराल पर फाइलेरिया क्लिनिक आकर चिकित्सक से दिखाकर परामर्श लेना चाहिए और चिकित्सक के निर्देशानुसार अपना जांच के साथ उपचार, साफ़-सफाई, देखभाल, व्यायाम, दवा सेवन आदि करते रहना चाहिए।
इस अवसर पर सेंटर का उद्घाटन के बाद सिविल सर्जन डॉ. युगल किशोर चौधरी के साथ उपस्थित अन्य वरीय चिकित्सकों ने संयुक्त रूप से फाइलेरिया के 20 लिंफोडिमा से प्रभावित रोगियों के बीच एम.एम.डी.पी. किट भी वितरित किए। जिसका नियमित रूप से इस्तेमाल करने हेतु तरीके को डेमोंस्ट्रेशन करके बताया गया।
इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सीके शाही, डीटीओ – डॉ रंजन सिन्हा, उपाधीक्षक सदर अस्पताल डॉ प्रभात रंजन, जिला भीबीडी पदाधिकारी डॉ आलोक कुमार सिंह, जिला भीबीडी कंसलटेंट डॉ गणेश कुमार, जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ मनीष शेखर, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संजय कुमार, डीपीएम नीरज भगत, डीएएम ब्रजेश झा, डीपीसी प्रवीण सिंह, डीडीएम मुकेश कुमार सिंह, राजीव कुमार, डीयूएचएम सुनिल मणी त्रिपाठी, केयर इंडिया के डीपीसी संजय मंडल,एफएलए रवि सिन्हा, कुमार, कांग्रेस मंडल, राकेश कुमार, केयर के कौशल पाण्डेय एवं शिवसागर, यूबीटीटी शंकर दयाल एवं कासिम अंसारी के साथ फाइलेरिया के लिपिक परिमल कु. दास, बिजय कुमार, अनिमेष घोष, अमीत कुमार, प्रमोद सोरेन, सेविका कुमारी सुनिता तथा स्वास्थ्य विभाग के अन्य पदाधिकारी एवं कर्मचारी के साथ फाइलेरिया रोगी व उनके परिजन आदि उपस्थित थे।